साहेब मेरा गूंजे अजानो में
शब्द तन खुल जाए तानों में
साहेब मेरा निर्मल जल जैसा
साहेब मेरा बहती पवन जैसा
साहेब मेरा नील गगन जैसा
साहेब मेरा भोला मन जैसा
मैना मोरी पंख पसारके
उड़ जा मुनिया भव्
सागर के पार
जहा पर भूत प्रेम की नगरी
है मेरे साहेब की सरकार!
:)
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